कोरबा

तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य प्रगति पर हैं। तेज धूप निकलने से बेहतर पत्तों की उपज होने लगी है। अधिक से अधिक मात्रा में पत्ता संग्रहित करने के लिए संग्राहक जंगलों में पहुंच रहे हैंं। कोरबा व कटघोरा वन मंडलों के 719 फड़ों में चार दिन के भीतर 34 हजार मानक बोरा पत्ता संग्रहित कर लिया है।

अनुकूल मौसम से संग्राहकों में उल्लास देखा जा रहा है। वन विभाग ने सूख रहे पत्तों को गोदाम में रखने की तैयारी शुरू कर दी है। तेंदूपत्ता संग्रहण को लेकर संग्राहक परिवार में प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है। पखवाड़े भर पहले हो रही वर्षा का असर इस बार तेंदू पत्ता संग्रहण पर पड़ा है। एक मई को शुरू होने वाली संग्रहण की शुरू आत इस बार आठ मई को की गई है। तपती धूप और जमीन गर्म होने से पत्ते जल्दी सूखने लगे हैं।

इससे बोरे में भराई करने में आसानी हो रही है। लेमरू, कोई, विमलता व ठाकुरखेता सहित बड़े फड़ों के पत्ते देरी से तैयार हुए हैं। अब यहां भी पत्तों की तोड़ाई में प्रगति आ चुकी है। विभागीय अधिकारी की माने तो चार दिन के भीतर 30 प्रतिशत पत्तों की तोड़ाई जंगल से हो चुकी है। शाख कर्तन का काम सघन जंगल में समय पर होने का असर बेहतर पत्तों के रूप में दिखने लगा है। बताना होगा कि पत्ता संग्रहण के कोरबा वनमंडल में 238 और कटघोरा में 481 फड़ बनाए गए हैं। पत्तों का दर बीते वर्ष की तुलना 1500 रूपए बढ़ाया गया है।

प्रत मानक बोरा 5,500 रूपए मे खरीदी हा रही है। अब संग्रहित पत्तों पर गौर करें तो कोरबा वनमंडल में 14 हजार 123 और कटघोरा में 20 हजार 102 मानक बोरा पत्तों का संग्रहण किया जा चुका है। यह कार्य 22 मई तक जारी रहने की संभावना है। बताना होगा पत्ता संग्रहण के एवज में संग्राहक परिवार नवीन शिक्षण सत्र में बच्चाें की कापी किताब और खेती के लिए खाद-बीज आदि के लिए कमाई कर लेते हैं। खास बात यह यह है कि कोरबा वनमंडल के सभी 38 समितियों के पत्तों की बोली लगी है। इसी तरह कटघोरा के सभी 44 समिति के पत्ते बिक चुके हैं। अधिक से अधिक फड़ों के पत्तों की बढ़चढ़ कर बोली लगने से संग्राहक परिवारों को इस बार बोनस लाभ भी अधिक मिलेगा। राज्य सरकार ने भुगतान के लिए दोनो वन मंडल में राशि जारी कर दी है।

Source : Agency